जो मनुष्य जैसा होता हैं उसको वैसा ही आहार प्रिय होता है , जैसे - सात्विक मनुष्य को सात्विक आहार, राजस मनुष्य को राजसी आहार एवम् तामस मनुष्य को तामसिक आहार प्रिय होता हैं ।
प्रत्येक जीव तीन गुणो ( सत्व , रज और तम ) से बना हुआ हैं ।
श्रीमद् भगवद् गीता के अनुसार
1) सात्विक मनुष्य - अध्याय 17 श्लोक 8
2) राजस मनुष्य - अध्याय 17 श्लोक 9 -
3) तामस मनुष्य - अध्याय 17 श्लोक 10
प्रत्येक जीव तीन गुणो ( सत्व , रज और तम ) से बना हुआ हैं ।
श्रीमद् भगवद् गीता के अनुसार
1) सात्विक मनुष्य - अध्याय 17 श्लोक 8
3) तामस मनुष्य - अध्याय 17 श्लोक 10
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