शुक्रवार, 24 मार्च 2017
गुरुवार, 23 मार्च 2017
मंगलवार, 21 मार्च 2017
सोमवार, 20 मार्च 2017
आहार भी सबको तीन प्रकार का प्रिय होता है - (सात्विक राजसी तामसिक) आहार
जो मनुष्य जैसा होता हैं उसको वैसा ही आहार प्रिय होता है , जैसे - सात्विक मनुष्य को सात्विक आहार, राजस मनुष्य को राजसी आहार एवम् तामस मनुष्य को तामसिक आहार प्रिय होता हैं ।
प्रत्येक जीव तीन गुणो ( सत्व , रज और तम ) से बना हुआ हैं ।
श्रीमद् भगवद् गीता के अनुसार
1) सात्विक मनुष्य - अध्याय 17 श्लोक 8
2) राजस मनुष्य - अध्याय 17 श्लोक 9 -
3) तामस मनुष्य - अध्याय 17 श्लोक 10
प्रत्येक जीव तीन गुणो ( सत्व , रज और तम ) से बना हुआ हैं ।
श्रीमद् भगवद् गीता के अनुसार
1) सात्विक मनुष्य - अध्याय 17 श्लोक 8
3) तामस मनुष्य - अध्याय 17 श्लोक 10
रविवार, 19 मार्च 2017
सोमवार, 13 मार्च 2017
मंगलवार, 7 मार्च 2017
महुआबाबा का चमत्कार
ॐ जय श्री महुआबाबा
महुआबाबा का चमत्कार
- कलयुग (4,32,000 वर्ष)- अभी लगभग 5000 वर्ष हुए हैं किंतु पाप इतना बढ़ गया हैं कि परमात्मा को पृथ्वी पर साकाररुप में अवतरित होना पड़ा ।
- श्री महुआ बाबा के रुप में - महुआ के पेड़ में - मई -2012 को बाबा ने पडसरा गाँव (बलिया-उत्तरप्रदेश)में साकाररुप में अवतार लिये हैं।
- बाबा के स्थान पर जो भी भक्त सच्ची श्रद्धा से उनके चरणों में शरण लेगा और प्रार्थना करेगा- उसकी मनोकामना पूर्ण होगी ।
- भूत बाधा हो , ग्रह बाधा हो या कोई भी रोग हो - सभी दुःखो एवम् कष्टो का निवारण यहाँ पर होता हैं ।
- कलयुग में सोखा, तांत्रिक, पंड़ित, अघोरी ने पाप-शक्ति का दुरपयोग करके मनुष्य, प्राणी एवम् प्राकृतिक जीव-जंतुओ पर अत्याचार किया हैं - इस पाप-शक्ति का अंत करने लिए ही - जगत् के पिता - परमेश्वर भगवान शिव और माँ परा-शक्ति ने महुआबाबा के रुप में अवतार लिये हैं ।
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ॐ
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