मंगलवार, 21 मार्च 2017

दान - (सात्विक, राजस और तामस) - मनुष्य के लक्षण





जरा तो इतना बता दो भगवान्....


भाव का भूखा हूँ ...



अपने इष्ट के यजन-पूजनद्वारा मनुष्यों की निष्ठा की पहचान ...

 


सोमवार, 20 मार्च 2017

आहार भी सबको तीन प्रकार का प्रिय होता है - (सात्विक राजसी तामसिक) आहार

जो  मनुष्य जैसा होता हैं उसको वैसा ही आहार प्रिय होता है , जैसे - सात्विक मनुष्य को सात्विक आहार, राजस मनुष्य को राजसी आहार  एवम् तामस मनुष्य को तामसिक आहार  प्रिय होता हैं ।
प्रत्येक जीव तीन गुणो ( सत्व , रज और तम ) से बना हुआ हैं ।



श्रीमद् भगवद् गीता के अनुसार 
1) सात्विक मनुष्य - अध्याय 17 श्लोक 8


2) राजस मनुष्य - अध्याय 17 श्लोक 9 -

3) तामस मनुष्य - अध्याय 17 श्लोक 10








रविवार, 19 मार्च 2017

ॐ जय श्री महुआबाबा


  • इस स्थान पर सारे कष्टो का निवारण होता हैं , चाहे वह रोग हो दोष हो या किसी प्रकार की बाधा हो ।
  • इस स्थान की महीमा अपरम्पार हैं ।


श्रीमद्भगवद्गीता



युग


कलयुग


मोक्ष प्राप्ति





ब्राह्मणादि वर्णों का विभाग जन्म से मानना चाहिए या कर्म से?


मनुष्य मृत्यु पश्यात प्राप्त य़ोनि और प्रकृति के गुण


सृष्टि-रचना कैसे हुई ?


परमात्मा / ईश्वर / भगवान् की प्राप्ति कैसे किया जा सकता हैं ?




क्या हम यह जानते है कि हमरा जन्म मनुष्य योनि में क्यो हुआ हैं ।


मंगलवार, 7 मार्च 2017

महुआबाबा का चमत्कार

ॐ जय श्री महुआबाबा

ॐ श्री महुआबाबा
महुआबाबा का चमत्कार

श्रीमद् भगवद्गीता के अध्याय 4 - सातवे श्लोक में लिखा हैं -
       
  • कलयुग (4,32,000 वर्ष)- अभी लगभग 5000 वर्ष हुए हैं किंतु पाप इतना बढ़ गया हैं कि परमात्मा को पृथ्वी पर साकाररुप में अवतरित होना पड़ा ।
  • श्री महुआ बाबा के रुप में - महुआ के पेड़ में - मई -2012 को बाबा ने पडसरा गाँव (बलिया-उत्तरप्रदेश)में साकाररुप में अवतार लिये हैं।
  • बाबा के स्थान पर जो भी भक्त सच्ची श्रद्धा से उनके चरणों में शरण लेगा और  प्रार्थना करेगा- उसकी मनोकामना पूर्ण होगी ।
  • भूत बाधा हो , ग्रह बाधा हो या कोई भी रोग  हो - सभी दुःखो एवम् कष्टो का निवारण यहाँ पर होता हैं ।
  • कलयुग में सोखा, तांत्रिक, पंड़ित, अघोरी ने पाप-शक्ति का दुरपयोग करके मनुष्य, प्राणी एवम् प्राकृतिक जीव-जंतुओ पर अत्याचार किया हैं - इस पाप-शक्ति का अंत करने लिए ही - जगत् के पिता - परमेश्वर भगवान शिव और माँ परा-शक्ति ने  महुआबाबा के रुप में अवतार लिये हैं ।