शुक्रवार, 5 मई 2017

महुआबाबा पूजा-विधि और प्रार्थना

ॐ श्री महुआबाबा महीमा - पचरा, बिरहा और गीत


1) ओझा के ओझाई मरलस सोखा के सोखाई महुआबाबा हो

2) अपनी शक्ति से हमरो नयन लौटाई ये बाबा

3) बाबा झारत बाने अपना शक्ति से जे भी जा भक्ति से

4) तनि चला न बाबा के नगरीया ये राजा

5) कलजुग में देव बनके अईले महुआबाबा - चमत्कार हो गईल

6) मन में असरा लगाके अईनी चरनिया बाबा

7) महुआ तरवा - कईले बाड़अ गजब चमत्कार

8) महुआबाबा चौरा पे -बिरहा

9) महुआबाबा हो - आ गईनी शरण तोहार (सोखा-भूत ,पंड़ित -ग्रह-दोष, डाॅक्टर - रोग)

10)  न मंदिर न मस्जिद कतही न कतही मजार बा - तेलमा गाँव के सटले महुआबाबा के दरबार बा

11) महुआबाबा के दरबार -सैया ले-ले चलअ








मंगलवार, 21 मार्च 2017

दान - (सात्विक, राजस और तामस) - मनुष्य के लक्षण





जरा तो इतना बता दो भगवान्....


भाव का भूखा हूँ ...



अपने इष्ट के यजन-पूजनद्वारा मनुष्यों की निष्ठा की पहचान ...

 


सोमवार, 20 मार्च 2017

आहार भी सबको तीन प्रकार का प्रिय होता है - (सात्विक राजसी तामसिक) आहार

जो  मनुष्य जैसा होता हैं उसको वैसा ही आहार प्रिय होता है , जैसे - सात्विक मनुष्य को सात्विक आहार, राजस मनुष्य को राजसी आहार  एवम् तामस मनुष्य को तामसिक आहार  प्रिय होता हैं ।
प्रत्येक जीव तीन गुणो ( सत्व , रज और तम ) से बना हुआ हैं ।



श्रीमद् भगवद् गीता के अनुसार 
1) सात्विक मनुष्य - अध्याय 17 श्लोक 8


2) राजस मनुष्य - अध्याय 17 श्लोक 9 -

3) तामस मनुष्य - अध्याय 17 श्लोक 10








रविवार, 19 मार्च 2017

ॐ जय श्री महुआबाबा


  • इस स्थान पर सारे कष्टो का निवारण होता हैं , चाहे वह रोग हो दोष हो या किसी प्रकार की बाधा हो ।
  • इस स्थान की महीमा अपरम्पार हैं ।